Category: Technology

सोपान अंक‍ 2 – प्रॉडक्ट, पेटेन्ट, नशा

अंक‍ S1E2: ऐसा कौन सा नशा है जिससे जिंदगी खत्म हो जाती है, बता रहे हैं उद्यमी अंकुर वरिकु, प्रॉडक्ट मैनेजमेंट में करियर के विषय पर द प्रैक्टिकल पीएम की संस्थापक जया झा से साक्षात्कार और दुनिया रंग रंगीली में डॉनल्ड डक और पेटेंट से संबंधित एक मज़ेदार वाकया। … पूरा पढ़ें…सोपान अंक‍ 2 – प्रॉडक्ट, पेटेन्ट, नशा

सोपान अंक‍ 1 – इकिगाई, क्लाउड, बकरियाँ

अंक S1E1: मयूर से जानिये Cloud Computing क्या है और एक Cloud Architect की भूमिका क्या होती है? Entrepreneur अंकुर बतायेंगे जापानी जीवनशैली Ikigai के बारे में और दुनिया रंग रंगीली में एक मज़ेदार वाकया बैंक और बकरियों का। … पूरा पढ़ें…सोपान अंक‍ 1 – इकिगाई, क्लाउड, बकरियाँ

अंक 9 : सामुदायिक रेडियो की दीवानगी

पॉडभारती के नवें अंक में आप सुन सकते हैं भारत में सामुदायिक यानि कम्यूनिटी रेडियो व कैंपस रेडियो परिदृश्य पर एक रपट, ‍लोकप्रिय पॉडकास्टर उन्मुक्त का एमपी-‍3 की बजाय ओग फार्मेट से लगाव के कारणों का खुलासा और, उभरते गायक और भाईबहन की जोड़ी “खुशी और नौज़ाद” के एल्बम “अमेरिका में इंडिया” से एक मधुर गीत इस अंक में उल्लेखित कड़ियाँ और अधिक जानकारीः भारत में सामुदायिक रेडियो सीआर इंडिया: सामुदायिक रेडियो विषय पर चर्चा करती सराय की एक मेलिंग लिस्ट अन्ना एफएम: देश के पहले कैंपस रेडियो स्टेशन का जालस्थल गुड मॉssssssर्निंssssssग भारत : “चाहे वह सुदूर सरगुजा का आदिवासी किसान हो या रायपुर का रिक्शा चालक, दोनों के पास उनकी गरीबी के अलावा कोई और चीज सामान्य है, तो वह है उनका ट्रांजिस्टर।” सामुदायिक रेडियो के उद्भव पर शुभ्रांशु चौधरी की रोचक रपट। रेडियो पर इंटरनेट: अब इंटरनेट दूर दराज़ के लोगों तक रेडियो के ज़रिए भी पहुंच रहा है। बीबीसी पर रपट।

अंक 8 : भ्रष्टाचार विरोध का इंटरनेट एक्सटेंशन

श्रोता मित्रों, पॉडभारती का आठवाँ एपीसोड अब पॉडभारती डॉट कॉम पर आपके लिये उपलब्ध है। अंक का संचालन किया है देबाशीष चक्रवर्ती ने। पॉडभारती के इस अंक में आप सुन सकते हैं: भ्रष्टाचार के खिलाफ जिहाद लड़ रहे कर्नाटक के एक वरिष्ठ आई.ए.एस अधिकारी विजयकुमार की पत्नी श्रीमती जयश्री के अदम्य साहस की कथा, जिसने अपने पति का केवल साथ ही नहीं दिया, बल्कि इससे एक कदम बढ़कर भ्रष्ट सफेदपोश गुंडों से उनकी जान की रक्षा के लिये इंटरनेट पर बनाया एक अनोखा दुर्ग। लोकप्रिय हिन्दी चिट्ठाकार उन्मुक्त की प्रभावशाली आवाज़ में सुनिये कैप्टन स्कॉट की डायरी से दक्षिणी ध्रुव के रोमांचक और साहसिक अभियान का वृत्तांत, जो दुर्भाग्यवश स्कॉट के जीवन का अंतिम अभियान भी सिद्ध हुआ। और अंत में, ब्लॉगरों के लेखन में मदद कर उसमें निखार लाने की एक ब्राउज़र आधारित जुगत ज़ेमांटा के बारे में रोचक जानकारी।

अंक 7 : ब्लैक पैम्फलैट्सः लीक से हटकर

पॉडभारती का सातवाँ अंक आप तक कई महीनों के अंतराल में पहुंच रहा है इसके लिये हम क्षमाप्रार्थी हैं। हमारा इरादा हर कम से कम हर पखवाड़े एक अंक निकालना का रहा है पर व्यस्तता के कारण यह संभव न हो सका। हमारी ये कोशिश रहेगी कि पॉडभारती के अगले अंक नियमित अंतराल में जारी हों। पॉडभारती के सातवें में आप सुन सकते हैं: नये स्तंभ “लीक से हटकर” में जानिये जी-टॉक के स्टेटस संदेशों के अभिनव प्रयोग के बारे में दिल्ली के कैम्पस में चुनावी माहौल का सटीक चित्रांकन करती एक युवा फिल्म निर्माता नितिन पमनानी के प्रयास “ब्लैक पैम्पलेट्स” की कथा और संगीतकार मदन मोहन की रचना प्रक्रिया के एक अनछुये पहलू की जानकारी, रेडियोवाणी के युनुस खान की ज़ुबानी। इस अंक के बारे में आपकी राय का हमें बेसब्री से इंतज़ार रहेगा। हमें टिप्पणियों द्वारा या पॉडभारती एट जीमेल डॉट कॉम पर लिख कर बतायें।

अंक 6 : भारत, ऑलवेज टर्न्ड ऑन

पॉडभारती के सभी श्रोताओं को हमारी ओर से स्वाधीनता दिवस की हार्दिक बधाई। हम प्रस्तुत हैं पॉडभारती के छठवें अंक के साथ, जिसमें आप सुन सकते हैं इंटरनेट का प्रादुर्भाव बढ़ रहा है, वेब 2.0 के साथ ही रिच क्लाएंट की बातें होती हैं और ज़ाहिर है कई कंपनियाँ मानती हैं कि अब आपका ब्राउज़र ही आपका पीसी है। ऐसे ही एक वर्चुअलाईज़्ड डेस्कटॉप उत्पाद निवियो डॉट कॉम की समीक्षा कर रहे हैं हमारे टेक गुरु रविशंकर श्रीवास्तव। लंदन से नीरू कोठारी पेश कर रही हैं युरोप की खबरें और अंत में सुनिये हमारे साठवें स्वतंत्रता दिवस पर एक विशेष प्रस्तुति जिसमें आप सुन सकेंगे रविंद्रनाथ टैगोर की दुर्लभ रिकार्डिंग। त्रुटिसुधार: पॉडकास्ट में एक जगह कहा गया है कि भारतीय गणतंत्र 60 वर्ष का हो चुका है, यह बात त्रुटिपूर्ण है क्योंकि भारत स्वाधीनता के तीन वर्ष बाद गणतंत्र बना।

अंक 1 : मुहल्ला ट्राँसलिट्रेशन वाला

प्रस्तुत है पॉडपत्रिका पॉडभारती का पहला अंक। कार्यक्रम का संचालन किया है देबाशीष चक्रवर्ती ने और परिकल्पना है देबाशीष और शशि सिंह की। अप्रेल 2007 के इस प्रथम अंक में आप सुनेंगे। हिन्दी चिट्ठाकारी ने अप्रेल 2007 में चार साल पूरे किये हैं। ये फासला कोई खास तो नहीं पर कई लोग इसी बिना पर पितृपुरुष और पितामह कहलाये जाने लगे हैं और अखबारों में छपने लगे हैं। पॉडभारती के लिये चिट्ठाकारी के इस छोटे सफर का अवलोकन कर रहे हैं लोकप्रिय चिट्ठाकार अनूप शुक्ला। गूगल के हिन्दी ट्रांस्लिट्रेशन टूल के प्रवेश से हिन्दी चिट्ठाकारी को एक नया आयाम मिला है। इस टूल के बारे में और जानकारी देंगे टेकगुरु रविशंकर श्रीवास्तव। मोहल्ला हिन्दी का एक नया पर चर्चित ब्लॉग है। यहाँ इरफान के हवाले से लिखे एक लेख ने ऐसा हंगामा बरपा किया कि हिन्दी चिट्ठाजगत ही ध्रुवों में बंट गया। बहस वाया सांप्रदायिकता लानत मलानत और एक दूसरे के गिरेबान तक जा पहूंची। मुहल्ला पर अविनाश के माफ़ीनामे तक से मामला अब तक ठंडा नहीं पड़ा। इसी संवेदनशील विषय पर सुनिये पॉडभारती के शशि सिंह की खास रपट।