Category: Society

अंक 9 : सामुदायिक रेडियो की दीवानगी

पॉडभारती के नवें अंक में आप सुन सकते हैं भारत में सामुदायिक यानि कम्यूनिटी रेडियो व कैंपस रेडियो परिदृश्य पर एक रपट, ‍लोकप्रिय पॉडकास्टर उन्मुक्त का एमपी-‍3 की बजाय ओग फार्मेट से लगाव के कारणों का खुलासा और, उभरते गायक और भाईबहन की जोड़ी “खुशी और नौज़ाद” के एल्बम “अमेरिका में इंडिया” से एक मधुर गीत इस अंक में उल्लेखित कड़ियाँ और अधिक जानकारीः भारत में सामुदायिक रेडियो सीआर इंडिया: सामुदायिक रेडियो विषय पर चर्चा करती सराय की एक मेलिंग लिस्ट अन्ना एफएम: देश के पहले कैंपस रेडियो स्टेशन का जालस्थल गुड मॉssssssर्निंssssssग भारत : “चाहे वह सुदूर सरगुजा का आदिवासी किसान हो या रायपुर का रिक्शा चालक, दोनों के पास उनकी गरीबी के अलावा कोई और चीज सामान्य है, तो वह है उनका ट्रांजिस्टर।” सामुदायिक रेडियो के उद्भव पर शुभ्रांशु चौधरी की रोचक रपट। रेडियो पर इंटरनेट: अब इंटरनेट दूर दराज़ के लोगों तक रेडियो के ज़रिए भी पहुंच रहा है। बीबीसी पर रपट।

अंक 8 : भ्रष्टाचार विरोध का इंटरनेट एक्सटेंशन

श्रोता मित्रों, पॉडभारती का आठवाँ एपीसोड अब पॉडभारती डॉट कॉम पर आपके लिये उपलब्ध है। अंक का संचालन किया है देबाशीष चक्रवर्ती ने। पॉडभारती के इस अंक में आप सुन सकते हैं: भ्रष्टाचार के खिलाफ जिहाद लड़ रहे कर्नाटक के एक वरिष्ठ आई.ए.एस अधिकारी विजयकुमार की पत्नी श्रीमती जयश्री के अदम्य साहस की कथा, जिसने अपने पति का केवल साथ ही नहीं दिया, बल्कि इससे एक कदम बढ़कर भ्रष्ट सफेदपोश गुंडों से उनकी जान की रक्षा के लिये इंटरनेट पर बनाया एक अनोखा दुर्ग। लोकप्रिय हिन्दी चिट्ठाकार उन्मुक्त की प्रभावशाली आवाज़ में सुनिये कैप्टन स्कॉट की डायरी से दक्षिणी ध्रुव के रोमांचक और साहसिक अभियान का वृत्तांत, जो दुर्भाग्यवश स्कॉट के जीवन का अंतिम अभियान भी सिद्ध हुआ। और अंत में, ब्लॉगरों के लेखन में मदद कर उसमें निखार लाने की एक ब्राउज़र आधारित जुगत ज़ेमांटा के बारे में रोचक जानकारी।

अंक 6 : भारत, ऑलवेज टर्न्ड ऑन

पॉडभारती के सभी श्रोताओं को हमारी ओर से स्वाधीनता दिवस की हार्दिक बधाई। हम प्रस्तुत हैं पॉडभारती के छठवें अंक के साथ, जिसमें आप सुन सकते हैं इंटरनेट का प्रादुर्भाव बढ़ रहा है, वेब 2.0 के साथ ही रिच क्लाएंट की बातें होती हैं और ज़ाहिर है कई कंपनियाँ मानती हैं कि अब आपका ब्राउज़र ही आपका पीसी है। ऐसे ही एक वर्चुअलाईज़्ड डेस्कटॉप उत्पाद निवियो डॉट कॉम की समीक्षा कर रहे हैं हमारे टेक गुरु रविशंकर श्रीवास्तव। लंदन से नीरू कोठारी पेश कर रही हैं युरोप की खबरें और अंत में सुनिये हमारे साठवें स्वतंत्रता दिवस पर एक विशेष प्रस्तुति जिसमें आप सुन सकेंगे रविंद्रनाथ टैगोर की दुर्लभ रिकार्डिंग। त्रुटिसुधार: पॉडकास्ट में एक जगह कहा गया है कि भारतीय गणतंत्र 60 वर्ष का हो चुका है, यह बात त्रुटिपूर्ण है क्योंकि भारत स्वाधीनता के तीन वर्ष बाद गणतंत्र बना।

अंक 5 : थम न जाये जलधारा

पॉडभारती का यह पांचवा पड़ाव है। इस पड़ाव पर संगीत के माध्यम से हम विचार करेंगे मानवता के सामने उभर रहे सबसे बड़े संकटों में से एक, यानी सिकुड़ रही जलधारा के बारे में। इसके अलावा नारी अधिकार और आतंकवाद जैसे मुद्दे भी इस अंक में शामिल है। इस अंक की विषयवस्तु कुछ यूं है: जलसंकट पर दैनिक भास्कर समूह में संपादक विकास मिश्र की संक्षिप्त वार्ता जल–संरक्षण के मुद्दे पर दो खूबसूरत गीत, मशहूर ग़जल गायक भुपिंदर सिंह और रघुनाथ सरन की आवाज़ में किरण बेदी के साथ हुये अन्याय के बहाने नारी अधिकारों की बात कर रही हैं मुम्बई से वरिष्ठ पत्रकार सीमा अनंत ब्रिटेन में ग्लासगो मामले के बाद के हालात पर लंदन से नीरू कोठारी की खास रिपोर्ट

अंक 3 : मायावती पर फ्रेश रिलायंस

पॉडभारती के पॉडज़ीन स्वरूप में इज़ाफा करते हुये हम इसके तृतीय अंक में सामयिक घटनाओं के विश्लेषण शामिल कर रहे हैं। हमारे तृतीय अंक में आप सुन सकते हैं, पॉडभारती के विगत अंकों पर श्रोताओं की राय का अवलोकन व हमारी प्रतिक्रिया, 13 मई 2007 को राँची में रिलायंस फ्रेश सुपरमार्केट पर पथराव की घटना के दूरगामी परिणाम देखने का प्रयास अफलातून देसाई और आलोक पुराणिक के साथ और उत्तर प्रदेश के असेंबली चुनाव में बसपा को मिले बहुमत के निहितार्थ बताती सृजन शिल्पी की विशेष वार्ता।

अंक 2 : मातृत्व दिवस विशेष

हमारे समाज में मां को एक देवी का दर्जा मिला हुआ है और इसी की बदौलत मातृत्व को संसार का सबसे बड़ा सुख माना जाता है। मगर दु:ख कि बात यह है कि हर मां इतनी खुशकिस्मत नहीं। इस दुनिया में कुछ मांएं ऐसी भी हैं जिन्हें न तो देवी माना जाता है और न ही उनका मातृत्व सुख का कारण है। जी हां, हम उन्हीं औरतों की बात कर रहे हैं जिन्हें ये समाज वेश्यायें, रंडी, तवायफ और न जाने किन-किन नामों से पकारता है, उनके मातृत्व को पाप और कलंक कहता है। ऐसी ही कुछ मांओं से कीजिये मुलाकात और जानिये उनके बच्चों और उनके सपनों को पॉडभारती के इस मदर्स डे विशेषांक में। कार्यक्रम की परिकल्पना व संचालन किया है शशि सिंह ने। इस मार्मिक पॉडकास्ट को आप कभी भूल न पायेंगे, हमारा वादा है।