श्रोताओं की शिकायत रही है कि पॉडभारती का रवैया गीत-संगीत और सिनेमा के प्रति बेरूखी का रहा है। हमें पूरा यकीन है कि पॉडभारती के इस अंक में यह शिकायत दूर हो जायेगी। हमारे चतुर्थ अंक में आप सुन सकते है:
- भारत-पाकिस्तान के बंटवारे की पृष्ठभूमि पर बनी फिल्म गदर का अनूठा पॉडिकरण
- सिलिकन वैली में रहने वाले 13 साल के बेहद प्रतिभाशाली एनआरआई बालक अंशुल समर से खास बातचीत और
- कनाडा की उड़न तस्तरी यानी स्टार ब्लॉगर समीरलाल की एक अलग तरह की प्रतिभा की एक झलक।
एक अपडेट: इस अंक के निर्माण के 12 साल बाद 2019 में मेरी अंशुल से लिंक्डइन पर भेंट हुई। वो अब घनी दाढ़ी वाला 25 वर्षीय युवक है। हर्ष की बात है कि अंशुल को ये इंटरव्यू याद था। अंशुल ने कहा, “हेलो देबाशीष अंकल! वाह, ये तो ब्लास्ट फ्रॉम द पास्ट है। आप मुझे मेरे मिडल स्कूल के दिनों में वापस ले आए, मैंने इसे अपने परिवार को भी भेज दिया। मैं अपनी सीट पर बैठा उस समय किये अपने बड़बोलेपन को सुन रहा हूं, और साथ ही, गहराई से आभारी हूं कि आपने अपने पॉडकास्ट पर 13 साल के बच्चे के लिए समय निकाला। दरअसल आप जैसे लोगों, TiE के मेंटर्स और गेम इंडस्ट्री के अन्य लोगों के प्रोत्साहन के कारण ही मुझे इस पर काम करने का अवसर मिला है। हमने पिछले साल तक अमेज़ॅान पर रसायन विज्ञान के खेल बेचे 🙂 पर मैंने अब एलीमेंटो के काम को समेट लिया है। हाल ही में मैंने अपनी स्नातक डिग्री पूरी की और एआई हार्डवेयर के क्षेत्र में एक नया काम शुरू किया है।
चलो, आप लोगों के चलते स्टार ब्लॉगर भी कहला गये. आभार. गदर कथा बहुत पसंद आई. शशी भाई की आवाज का जादू है. बहुत बढ़िया रहा यह पॉड भारती का अंक.
achcha laga.gadar ki katha sunte hue vividh bharti aur apne jeevan ke un dino ki yaad aa gayi jab kaan mein trnsistor satakar filmon ki kahani sunte the.bahut achcha.aisi prastuti ke pahle film ke sanchipt details bhi den. ek laghu katha aur ek kavita ya kavitansh bhi rakhen.dohe,chaupai ya ashar bhi sunaye ja sakte hain. badhai.
अंशुल सामर पैसों से क्या करेंगे? शायद पैसों से, किसी को स्कूल का होमवर्क करने के लिये रख सकते हैं 🙂
मैने गदर फिल्म नहीं देखी थी, आज संक्षेप में सुन ली. बहुत सुन्दर प्रयास. अंशुल एक आदर्श प्रस्तुत कर रहे है. उनकी हिन्दी सुनना मजेदार रहा. समीरलालजी तो स्टार है ही इसमें कहने वाली क्या बात है?
गदर की प्रस्तुति सामान्य रही, बाकी अंशुल का साक्षात्कार अच्छा लगा। अंशुल के साक्षात्कार में एक बात यह अच्छी लगी कि उन्होने अंग्रेजी में पूछे प्रश्न का उत्तर हिन्दी में दिया। और समीरलाल जी का लिखा गाना भी खूब भाया।
पॉडभारती की कोशिशें श्लाघ्य हैं. स्थानीयकरण का प्रयास भी सुचिंतित और ताज़गी भरा है. ढेर-सारा साधुवाद. इलाक़ा ऐसा है कि आप जो भी करेंगे नया ही होगा. लेकिन जो पहले से लोकप्रिय और स्थापित है – जैसे कि सिनेमा, और एक हद तक साहित्य – उसके अलावा भी नई ज.मीन तोड़ने की चेष्टा करें. शुक्रिया
Wow…this is great. Itne dinoke baad aaj pehli paar 5 salon me laga ki mai Vivid bharti Sun raha hoon. In fact your podcasts are far better than Vivid Bharti. Thank You Shashi for bringing in wonderful gift for all the listeners.
Aapke “podcasts” mujhe bahut achhe lagte hain. “Download” karke, “ipod” ke madhyam se, subah subah Tahalte samay sunta hoon. Sirf ek baar nahin, baar baar sunta hoon. Kya podcast ki “frequency” badhaa nahin sakte? Bahut jyaada intezaar karna padh raha hai. Aasha hai, bhavishya me, har hafte ek nayi podcast sunne ka mazaa milegaa. Debashish aur Shashi lo haardik Badhai
G Vishwanath
Bangalore
(Ek Ahindi bhashi Hindee premee)
अंक सुनने और अपनी राय बताने के लिये आप सभी का शुक्रिया!
उन्मुक्त: कड़ी देने के लिये शुक्रिया! अंशुल के बारे में मैंने पहली बार वॉटब्लॉग में पढ़ा था, मई २००७ में और उसी माह उस का साक्षात्कार रिकार्ड किया गया था, दीगर बात है कि इसे प्रसारित अब किया गया। वैसे भी हमने कोई ब्रेकिंग न्यूज़ का दावा तो कहीं किया नहीं 🙂 एक ही खबर हजारों माध्यमों से अलग अलग समय और मौके को देख कर प्रस्तुत होती रहती है।